CISF की पहली महिला रिजर्व बटालियन को केंद्र से मंजूरी

CISF की पहली महिला रिजर्व बटालियन को केंद्र ( केंद्रीय गृह मंत्रालय ) से मंजूरी दी है। इस बटालियन का उद्देश्य CISF के विभिन्न सुरक्षा अभियानों में महिला अधिकारियों की भागीदारी बढ़ाना है। महिला बटालियन में विभिन्न रैंकों में शामिल महिला कर्मियों की संख्या तय कर दी गई है, जिसमें कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, सहायक उपनिरीक्षक और उपनिरीक्षक जैसे रैंक शामिल हैं। इस बटालियन में 1,000 से अधिक महिला सिपाहियों को नियुक्त करने की योजना है। महिला बटालियन के सदस्यों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें हथियार प्रशिक्षण, युद्ध रणनीति, आपदा प्रबंधन और वीआईपी सुरक्षा शामिल होगी। प्रशिक्षण में आत्मरक्षा और भीड़ प्रबंधन के साथ-साथ साइबर सुरक्षा जैसे आधुनिक पहलुओं को भी शामिल किया जाएगा।

इस बटालियन ( CISF की पहली महिला रिजर्व बटालियन ) को देश के महत्वपूर्ण औद्योगिक एवं संवेदनशील प्रतिष्ठानों की सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी अभियानों में सहायता तथा आपात स्थितियों में बचाव कार्यों में तैनात किया जाएगा। महिला बटालियन का कार्य क्षेत्र मुख्य रूप से संवेदनशील औद्योगिक क्षेत्रों तथा महिला बहुल स्थानों पर सुरक्षा प्रबंधन बढ़ाने में मदद करेगा। CISF CAPF का एक हिस्सा है और मुख्य रूप से सरकारी संस्थानों और महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा करता है। समय के साथ, बल ने वीआईपी सुरक्षा, हवाईअड्डे की सुरक्षा और अन्य विशेष जिम्मेदारियों को भी शामिल कर लिया है।

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) :-

  • CISF की स्थापना 10 मार्च 1969 को हुई थी।
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
  • CISF केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करता है।
  • वर्तमान में CISF में करीब 1.6 लाख से अधिक कर्मी कार्यरत हैं।
  • CISF को CISF अधिनियम, 1968 के अंतर्गत स्थापित किया गया, जिसे बाद में संशोधित किया गया है।
  • CISF का राष्ट्रीय औद्योगिक सुरक्षा अकादमी (NISA) हैदराबाद में स्थित है, जहां कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।
  • CISF का आदर्श वाक्य है: “सुरक्षा, सेवा, और निष्ठा”
  • CISF को हवाई अड्डों, मेट्रो, बंदरगाहों, परमाणु संयंत्रों, महत्वपूर्ण सरकारी भवनों, और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की सुरक्षा में तैनात किया जाता है।

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