
चांदीपुरा वायरस लगातार खतरनाक होता जा रहा है। गुजरात में चांदीपुरा वायरस से संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखकर लोग डरे हुए हैं। वायरस को लेकर राज्य का स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड में आ गया है। गुजरात के हिम्मतनगर अस्पताल में चांदीपुरा वायरस से छह लोगों की मौत हो गई, जिसके कारण आसपास के राज्यों में भी वायरस को लेकर दहशत बढ़ गई है। कई लोग जो कुछ साल पहले कोरोना वायरस का दंश झेल चुके हैं, वे अब ‘वायरस’ शब्द सुनकर ही डर जाते हैं। हालांकि, गुजरात के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि चांदीपुरा वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत है। वैसे आपको बता दें कि चांदीपुरा वायरस का पहला मामला गुजरात में नहीं बल्कि सालों पहले महाराष्ट्र में सामने आया था। हालांकि, इसका नाम ‘चांदीपुरा वायरस’ है।
चांदीपुरा वायरस कैसे फैलता है?
CHPV वायरस रैबडोविरिडे परिवार का वायरस है। रैबडोविरिडे परिवार में रेबीज पैदा करने वाले वायरस भी शामिल हैं। CHPV वायरस मक्खियों और मच्छरों की कुछ प्रजातियों (जैसे, एडीज एजिप्टी मच्छर जो डेंगू का कारण बनता है) द्वारा फैलता है। यह वायरस इन मक्खियों और मच्छरों की लार ग्रंथियों में रहता है और इन मक्खियों और मच्छरों के काटने से मनुष्य इस वायरस से संक्रमित हो सकता है और उसे एन्सेफलाइटिस यानी मस्तिष्क के सक्रिय ऊतकों में सूजन हो सकती है।
चांदीपुर वायरस के लक्षण:-
यह वायरस कितना खतरनाक है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस वायरस से संक्रमित बच्चे लक्षण दिखने के 48-72 घंटों के भीतर मर जाते हैं। ऐसे में यह वायरस शिशुओं और वयस्कों के लिए जानलेवा है।
- वायरस के कारण फ्लू जैसे लक्षण और तीव्र एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) के साथ बुखार होता है।
- वायरस के कारण अक्सर अचानक तेज बुखार आता है
- जिसके बाद दौरे, दस्त, मस्तिष्क में सूजन और उल्टी होती है।
- यदि बाल रोगियों में तेज बुखार, उल्टी, दस्त, सिरदर्द और ऐंठन जैसे प्राथमिक लक्षण दिखाई देते हैं
- सांस की समस्या, खून निकला या खून की कमी जैसे लक्षण भी सामने आते हैं।
- तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें।
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