कन्नड़ लेखिका बानू मुश्ताक को ‘Heart Lamp’ के लिए 2025 का अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिलेगा

कन्नड़ लेखिका, वकील और सामाजिक कार्यकर्ता बानू मुश्ताक ने अपने लघु कथा संग्रह Heart Lamp के लिए प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2025 जीता है। यह उपलब्धि कई मायनों में ऐतिहासिक है: यह पहली बार है जब कन्नड़ भाषा में किसी साहित्यिक कृति को यह सम्मान मिला है, साथ ही यह पहली बार है जब किसी लघु कथा संग्रह को यह पुरस्कार दिया गया है। Heart Lamp में 1990 से 2023 के बीच लिखी गई 12 कहानियाँ शामिल हैं। इन कहानियों का अंग्रेजी में अनुवाद दीपा भस्ती ने किया है, जो यह पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय अनुवादक बन गई हैं। कहानियाँ मुख्य रूप से दक्षिण भारत में मुस्लिम महिलाओं के जीवन, उनके संघर्ष, पितृसत्ता, लैंगिक असमानता और धार्मिक-सामाजिक अन्याय पर केंद्रित हैं। मुश्ताक की रचनाएँ व्यंग्य और हास्य के माध्यम से सामाजिक संरचनाओं की गहरी आलोचना करती हैं।

कन्नड़ लेखिका बानू मुश्ताक के साहित्यिक और सामाजिक योगदान उन्हें कन्नड़ के ‘बंडया साहित्य‘ आंदोलन से जोड़ते हैं, जो हाशिए पर पड़े समुदायों की आवाज़ उठाने के लिए जाना जाता है। मस्जिदों में महिलाओं के प्रार्थना करने के अधिकार की वकालत करने के लिए उन्हें 2000 में फतवे का सामना करना पड़ा। फिर भी, उन्होंने अपने लेखन में कभी भी आत्म-सेंसरशिप नहीं अपनाई और महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ना जारी रखा।

बानू मुश्ताक के बारे में :-

  • बानू मुश्ताक का जन्म 1948 में कर्नाटक के हसन जिले में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था।
  • उन्होंने उर्दू में कुरान की शिक्षा प्राप्त की और कन्नड़-माध्यम मिशनरी स्कूल में अध्ययन किया, जिससे उन्हें भाषाई विविधता का अनुभव हुआ।
  • वे पेशे से वकील हैं और महिलाओं के अधिकारों के लिए सक्रिय रूप से काम करती हैं।
  • उन्हें 2000 में मस्जिदों में प्रार्थना करने के महिलाओं के अधिकार की वकालत करने के लिए फतवे का सामना करना पड़ा।
  • उनकी रचनाएँ मुख्य रूप से कन्नड़ में हैं, लेकिन उनका उर्दू, हिंदी, तमिल, मलयालम और अंग्रेजी में भी अनुवाद किया गया है।
  • दीपा भस्ती द्वारा अंग्रेजी में अनुवादित उनके लघु कहानी संग्रह हार्ट लैंप ने 2025 का अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता।
  • वे ‘बंडया साहित्य’ आंदोलन से जुड़ी हैं, जिसे हाशिए पर पड़े समुदायों की आवाज़ उठाने के लिए जाना जाता है।
  • उन्हें कर्नाटक साहित्य अकादमी पुरस्कार और दाना चिंतामणि अत्तिमब्बे पुरस्कार सहित कई प्रतिष्ठित सम्मान मिले हैं।
  • Heart Lamp की सफलता ने कन्नड़ साहित्य को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई है।

पुरस्कार और सम्मान :-

  • अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2025
  • कर्नाटक साहित्य अकादमी पुरस्कार
  • दाना चिंतामणि अत्तिमब्बे पुरस्कार
  • पेन ट्रांसलेशन पुरस्कार 2024 (हसीना और अन्य कहानियां के लिए)

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