ऑपरेशन महादेव: सेना, CRPF और J&K पुलिस का संयुक्त अभियान सफल

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में अमरनाथ यात्रा के दौरान हुए आतंकवादी हमले के जवाब में, भारतीय सुरक्षा बलों ने “ऑपरेशन महादेव” नामक एक सटीक और रणनीतिक अभियान चलाया। इस संयुक्त अभियान में, भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) ने मिलकर आतंकवादियों के ठिकानों का पता लगाया और उन्हें घेर लिया। यह मुठभेड़ एक दुर्गम पहाड़ी इलाके में हुई, जहाँ सुरक्षा बलों ने ड्रोन, थर्मल इमेजिंग और खुफिया जानकारी की मदद से आतंकवादियों के सटीक ठिकाने की पहचान की। मुठभेड़ के दौरान दो आतंकवादी मारे गए, जिनके पास से एके-47 राइफल, ग्रेनेड और अन्य घातक हथियार बरामद किए गए। इन आतंकवादियों की पहचान पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने के रूप में की गई है।

इस ऑपरेशन के ज़रिए न केवल हमले का बदला लिया गया, बल्कि आगामी अमरनाथ यात्रा और क्षेत्रीय शांति के लिए एक मज़बूत सुरक्षा संदेश भी दिया गया। गृह मंत्रालय और सेना प्रमुख ने इस सफल ऑपरेशन की प्रशंसा की और कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगा। ऑपरेशन महादेव देश की सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता, साहस और एकजुटता का प्रमाण है।

ऑपरेशन महादेव की विशेषताएँ :-

  • सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर:-
    • यह ऑपरेशन विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर शुरू किया गया था।
  • संयुक्त ऑपरेशन:-
    • भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर यह ऑपरेशन चलाया।
  • दुर्गम भौगोलिक क्षेत्र में कार्रवाई:-
    • यह ऑपरेशन पहलगाम के घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों में किया गया, जहाँ पहुँचना मुश्किल था।
  • ड्रोन और तकनीक का इस्तेमाल:-
    • ड्रोन, थर्मल इमेजिंग और जीपीएस आधारित निगरानी प्रणालियों का इस्तेमाल किया गया।
  • रात में ऑपरेशन:-
    • अधिक प्रभावी कार्रवाई के लिए यह ऑपरेशन रात के अंधेरे में शुरू किया गया था।
  • तेज़ और रणनीतिक हमला:-
    • आतंकवादियों को चारों तरफ से घेर लिया गया और योजना के अनुसार मुठभेड़ की गई।
  • नुकसान से बचाव:-
    • सुरक्षा बलों को कोई नुकसान नहीं हुआ, सभी जवान सुरक्षित रहे।
  • संदिग्धों की पहचान और उन्हें ढेर करना:-
    • मारे गए आतंकवादी अमरनाथ यात्रा हमले में शामिल थे और पाकिस्तान समर्थित संगठन से जुड़े थे।
  • हथियार बरामद:-
    • बड़ी मात्रा में हथियार, ग्रेनेड और विस्फोटक सामग्री ज़ब्त की गई।
  • शांति और सुरक्षा का संदेश:-
    • यह ऑपरेशन आतंकवादियों को स्पष्ट संदेश देता है कि भारत अपनी धरती पर आतंक बर्दाश्त नहीं करेगा।
  • स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया:-
    • ऑपरेशन के दौरान नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई।
  • ऑपरेशन के बाद इलाके में गश्त तेज़ कर दी गई:-
    • मुठभेड़ के बाद, सुरक्षा बलों ने इलाके में गहन तलाशी और निगरानी बढ़ा दी।

CRPF महत्वपूर्ण बिंदु :-

  • स्थापना वर्ष :- 27 जुलाई 1939 को तत्कालीन ब्रिटिश सरकार द्वारा “Crown Representative’s Police” के रूप में।
  • नाम परिवर्तन :- 1949 में भारत सरकार ने इसका नाम बदलकर Central Reserve Police Force (CRPF) रखा।
  • मुख्यालय :- नई दिल्ली
  • मंत्रालय :- गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) के अधीन कार्य करता है।
  • मुख्य कार्य :-
    • आंतरिक सुरक्षा बनाए रखना
    • नक्सलवाद विरोधी अभियान
    • आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन
    • चुनाव ड्यूटी में सुरक्षा
    • दंगे नियंत्रण (Riot Control)
    • VIP सुरक्षा
    • कश्मीर और पूर्वोत्तर में शांति बनाए रखना
  • CRPF की पहचान :- यह भारत का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है।
  • महिला बटालियन :- CRPF देश का पहला बल है जिसमें महिला बटालियन गठित की गई है।
  • विशेष इकाई :-
    • COBRA (Commando Battalion for Resolute Action): नक्सल विरोधी अभियान के लिए
    • RAF (Rapid Action Force): दंगा नियंत्रण के लिए
    • Mahila Battalion: महिला सुरक्षा के लिए
  • CRPF का आदर्श वाक्य (Motto) :- “सेवा और निष्ठा” (Service and Loyalty)
  • प्रशिक्षण केंद्र :- CRPF के देशभर में कई प्रशिक्षण केंद्र हैं, मुख्य प्रशिक्षण केंद्र राजस्थान (Neemuch) में स्थित है।
  • महत्वपूर्ण अभियान :-
    • ऑपरेशन ग्रे हाउंड
    • ऑपरेशन सर्द हवा
    • ऑपरेशन ग्रीन हंट
    • ऑपरेशन महादेव
  • CRPF Raising Day :- हर साल 27 जुलाई को CRPF स्थापना दिवस (Raising Day) मनाया जाता है।

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