World Food India 2025: नई दिल्ली में 25 से 28 सितंबर तक होगा चौथा संस्करण

World Food India 2025 : भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा आयोजित चौथा विश्व खाद्य भारत 2025 (WFI-2025) 25-28 सितंबर 2025 तक प्रतिष्ठित भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन “Processing for Prosperity” विषय के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण से समृद्धि की ओर अग्रसर होने पर केंद्रित है। इसका पूर्वावलोकन कार्यक्रम 23 जुलाई 2025 को दिल्ली के द ललित में आयोजित किया गया, जहाँ केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री चिराग पासवान ने इस आयोजन के ऐप, वेबसाइट और विस्तृत ब्रोशर का उद्घाटन किया।

इस आयोजन को अब तक का सबसे बड़ा आयोजन बताया जा रहा है – जिसमें 90 से अधिक देशों के प्रतिनिधि, 2,000 से अधिक प्रदर्शक और वैश्विक खाद्य श्रृंखला से लाखों प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है। मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें किसानों से लेकर उपभोक्ताओं तक, खाद्य मूल्य श्रृंखला के सभी हितधारकों को शामिल किया जाएगा, जिसमें तकनीकी प्रदर्शनी, बी2बी/बी2जी/जी2जी बैठकें, सीईओ गोलमेज सम्मेलन, स्टार्ट-अप ग्रैंड चैलेंज और ‘Great Indian Food Street’ जैसे रोमांचक कार्यक्रम शामिल होंगे।

फिक्की ने राष्ट्रीय कार्यक्रम भागीदार और अर्न्स्ट एंड यंग LLP ने ‘ज्ञान भागीदार’ का कार्यभार संभाला है। इस आयोजन का उद्देश्य भारत को वैश्विक खाद्य नवाचार, निवेश और स्थिरता के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करना है, जिससे दूध, बाजरा और दालों जैसे मौजूदा मजबूत क्षेत्र को और बढ़ावा मिले।

World Food India 2025 – प्रमुख गतिविधियाँ :-

  • उद्घाटन समारोह
  • B2B (बिजनेस टू बिजनेस) बैठकें
  • B2G (बिजनेस टू गवर्नमेंट) बैठकें
  • G2G (गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट) संवाद
  • सीईओ गोलमेज सम्मेलन
  • स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज
  • प्रौद्योगिकी एवं नवाचार प्रदर्शनी
  • उद्योग प्रदर्शनी
  • “ग्रेट इंडियन फ़ूड स्ट्रीट” – भारत के पारंपरिक व्यंजनों की प्रदर्शनी
  • ज्ञान सत्र एवं विषयगत सम्मेलन
  • पुरस्कार एवं सम्मान
  • मीडिया संपर्क एवं प्रचार कार्यक्रम
  • निवेश प्रोत्साहन एवं समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह
  • किसान एवं स्टार्टअप भागीदारी कार्यक्रम

World Food India 2025 के उद्देश्य और लक्ष्य :-

  • भारत को वैश्विक खाद्य प्रसंस्करण केंद्र बनाना
  • घरेलू और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करना
  • साझेदारी और सहयोग को बढ़ावा देना
  • स्टार्टअप और नवाचार के लिए एक मंच प्रदान करना
  • किसानों को खाद्य मूल्य श्रृंखला से जोड़ना
  • भारत के पारंपरिक खाद्य उत्पादों को वैश्विक मान्यता प्रदान करना
  • ‘ईट राइट इंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसे अभियानों को बढ़ावा देना
  • ज्ञान, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान
  • सतत विकास और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना
  • खाद्य उद्योग में उत्कृष्ट योगदानकर्ताओं को सम्मानित करना
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