
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की मंज़ूरी के बाद वरिष्ठ प्रशासक Srinivas Injeti को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के गवर्निंग बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। Srinivas Injeti भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं और वित्तीय क्षेत्र में उनका गहरा अनुभव है। इससे पहले, वे अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) के पहले अध्यक्ष रह चुके हैं और वित्तीय बाज़ारों के नियामक ढाँचे को मज़बूत बनाने में उनकी अहम भूमिका रही है। उनकी नियुक्ति को कॉर्पोरेट प्रशासन, पारदर्शिता और एनएसई में निवेशकों का विश्वास बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। SEBI की मंज़ूरी के साथ यह फ़ैसला भारतीय पूँजी बाज़ार के लिए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है।
Srinivas Injeti का विशिष्ट प्रशासनिक करियर :-
श्रीनिवास इंजेती भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 1983 बैच के आंध्र प्रदेश कैडर के अधिकारी रहे हैं। उनका करियर विभिन्न महत्वपूर्ण प्रशासनिक और नीतिगत पदों पर काम करते हुए विशिष्ट उपलब्धियों से भरा रहा है।
करियर की प्रमुख झलकियाँ:-
- लंबा प्रशासनिक अनुभव :– श्रीनिवास इंजेती ने अपने 35 वर्षों से अधिक लंबे प्रशासनिक करियर में वित्त, कॉरपोरेट गवर्नेंस, औद्योगिक विकास और नियामक संस्थाओं में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं।
- वित्तीय एवं नियामक क्षेत्र में योगदान :– वे इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर्स अथॉरिटी (IFSCA) के पहले चेयरमैन बने। इस पद पर रहते हुए उन्होंने भारत को वैश्विक वित्तीय सेवाओं का हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की।
- कॉरपोरेट मामलों में विशेषज्ञता :– वे भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) में सचिव भी रहे। इस दौरान उन्होंने कंपनी कानूनों के आधुनिकीकरण और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अनेक कदम उठाए।
- नीतिगत सुधारों में भागीदारी :– प्रशासनिक सेवाओं के दौरान उन्होंने औद्योगिक नीतियों, निवेश प्रोत्साहन, और बाजार नियामन को अधिक पारदर्शी और निवेशक-अनुकूल बनाने में अहम योगदान दिया।
- सेवानिवृत्ति के बाद भी सक्रिय नेतृत्व :– भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की मंजूरी से वे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष नियुक्त हुए। यह उनकी विशेषज्ञता और प्रशासनिक अनुभव की मान्यता है।
SEBI – भारतीय प्रतिभूति बाजार की नियामक संस्था :-
- स्थापना :– SEBI (Securities and Exchange Board of India) की स्थापना 12 अप्रैल 1988 को हुई।
- कानूनी दर्जा :– SEBI को वैधानिक अधिकार 1992 में SEBI Act, 1992 के तहत मिला।
- मुख्यालय :– मुंबई (महाराष्ट्र) में स्थित है।
- नियामक संस्था :– यह भारत के पूंजी बाजार और Securities Market की मुख्य नियामक संस्था है।
- उद्देश्य :–
- निवेशकों के हितों की रक्षा करना।
- प्रतिभूति बाजार का विकास करना।
- प्रतिभूति बाजार को नियंत्रित और व्यवस्थित करना।
- अधिकार :–
- स्टॉक एक्सचेंजों और अन्य प्रतिभूति बाजार संस्थाओं को मान्यता देना।
- ब्रोकर्स, सब-ब्रोकर्स, मर्चेंट बैंकर, पोर्टफोलियो मैनेजर आदि को पंजीकरण देना।
- नियमों का उल्लंघन करने पर दंड और कार्रवाई करना।
- संरचना :–
- अध्यक्ष (Chairman)
- दो वित्त मंत्रालय के सदस्य
- एक RBI का सदस्य
- अन्य पाँच सदस्य (भारत सरकार द्वारा नियुक्त)
- मुख्य कार्य :–
- निवेशकों को जागरूक करना और उनके अधिकारों की रक्षा करना।
- कंपनियों द्वारा पूंजी जुटाने की प्रक्रिया (IPO, FPO आदि) की निगरानी।
- इनसाइडर ट्रेडिंग और धोखाधड़ी रोकना।
- म्यूचुअल फंड्स और अन्य बाजार मध्यस्थों का नियमन।
- महत्व :– SEBI के कारण भारत का प्रतिभूति बाजार पारदर्शी, सुरक्षित और निवेशक-अनुकूल बना है।
अन्य नवीनतम नियुक्ति:-
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