
RBI ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार को 2,68,590.07 करोड़ रुपये का लाभांश देने की मंजूरी दी है। यह निर्णय 22 मई 2025 को आयोजित RBI के केंद्रीय निदेशक मंडल की बैठक में लिया गया। यह अब तक का सबसे बड़ा लाभांश वितरण है, जो पिछले वर्षों की तुलना में कई गुना अधिक है। उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2022-23 में RBI ने सरकार को करीब 87,416 करोड़ रुपये का लाभांश दिया था।
यह बढ़ा हुआ लाभांश मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा भंडार से आय, बॉन्ड यील्ड में कमी और बेहतर वित्तीय प्रबंधन के कारण संभव हुआ है। साथ ही, आरबीआई ने यह भी घोषणा की कि उसने आकस्मिक जोखिम बफर को बढ़ाकर 6.5% कर दिया है, जो उसके फंड की सुरक्षा के लिए एक एहतियाती कदम है। यह लाभांश सरकार के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, क्योंकि उसे अपने राजकोषीय घाटे को कम करने और सार्वजनिक खर्च बढ़ाने के लिए अतिरिक्त संसाधन मिल सकते हैं। इससे आर्थिक सुधार की गति को और मजबूत करने की संभावना है।
इस फैसले को देश की मौद्रिक नीति और वित्तीय स्थिरता के बीच संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
क्यों देता है आरबीआई सरकार को डिविडेंड?
RBI देश का केंद्रीय बैंक होने के साथ-साथ लाभ कमाने वाली संस्था भी है। RBI हर साल अपनी विभिन्न वित्तीय गतिविधियों जैसे विदेशी मुद्रा भंडार में निवेश, सरकारी प्रतिभूतियों से प्राप्त ब्याज और बाजार में मुद्रा प्रबंधन से होने वाली आय के माध्यम से लाभ कमाता है। यह लाभ न केवल बैंकिंग परिचालन से आता है, बल्कि इसकी परिसंपत्तियों पर आय और मौद्रिक नीति संचालन से संबंधित गतिविधियों से भी आता है।
RBI अधिनियम, 1934 की धारा 47 के तहत भारतीय रिजर्व बैंक को वर्ष के अंत में अपने शुद्ध लाभ से बची राशि को सभी खर्चों और आकस्मिक भंडार को अलग रखने के बाद भारत सरकार को लाभांश के रूप में हस्तांतरित करना होता है। चूंकि आरबीआई भारत सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली संस्था है, इसलिए इसका लाभ अंततः सरकार को ही जाता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रमुख आय स्रोत :-
- केंद्र सरकार द्वारा जारी बांड और ट्रेजरी बिल पर प्राप्त ब्याज।
- आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार को विदेशी बैंकों और बांडों में निवेश करके ब्याज कमाता है।
- प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री से लाभ।
- नोटों की छपाई की लागत और उनकी वास्तविक क्रय शक्ति के बीच के अंतर से अर्जित लाभ।
- बैंकों को दिए गए ऋण और पुनर्वित्त से प्राप्त ब्याज।
- विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप से लाभ।
- आरबीआई द्वारा रखे गए स्वर्ण भंडार से मूल्यवृद्धि और निवेश आय।
- विभिन्न वित्तीय साधनों में निवेश से पूंजीगत लाभ।
Reserve Bank of India :-
- स्थापना :- 1 अप्रैल 1935
- मुख्यालय :- मुंबई
- प्रारंभिक स्थान :- कोलकाता (1935 में)
- संविधान :- भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934
- प्रमुख उद्देश्य :-
- मुद्रा नियंत्रण
- वित्तीय स्थिरता बनाए रखना
- ऋण नीति का प्रबंधन
- मौजूदा गवर्नर :- संजय मल्होत्रा (11 दिसंबर 2024 से)
- महत्वपूर्ण कार्य :-
- बैंकों का विनियमन
- विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन
- सरकार के लिए बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना
- सिग्नेचर नोट :- गवर्नर का हस्ताक्षर नोटों पर होता है।
नवीनतम बैंकिंग करेंट अफेयर्स:-
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