PM-YUVA 3.0 – युवा लेखकों को सलाह देने के लिए प्रधानमंत्री की योजना

PM-YUVA 3.0 – यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य युवा लेखकों को प्रोत्साहित करना और उनके लेखन कौशल को निखारना है। इस योजना का उद्देश्य 30 वर्ष से कम आयु के युवा लेखकों को प्रशिक्षित करना है ताकि भारत में पढ़ने और पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा दिया जा सके और वैश्विक मंच पर भारतीय साहित्य को प्रदर्शित किया जा सके। यह संस्करण पिछले दो सफल संस्करणों के बाद आया है जिसमें 22 भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में भागीदारी देखी गई थी। इस योजना के तहत भारतीय युवाओं को अपनी लेखन प्रतिभा को विकसित करने के अवसर प्रदान किए जाते हैं ताकि वे समाज, संस्कृति और देश की प्रगति में सकारात्मक योगदान दे सकें।

पीएम-युवा 3.0 योजना में भाग लेने वाले लेखकों को वरिष्ठ साहित्यकारों और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन और सलाह मिलती है, जो उन्हें अपने लेखन को और बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इस योजना का उद्देश्य न केवल युवाओं को राष्ट्रीय पहचान दिलाना है बल्कि भारतीय साहित्य और संस्कृति को समृद्ध करना भी है। योजना के तहत लेखकों को प्रशिक्षण, पुस्तक प्रकाशन और लेखन प्रतियोगिताओं में भाग लेने का अवसर दिया जाता है, ताकि वे अपने विचारों को बेहतर तरीके से प्रस्तुत कर सकें। पीएम-युवा 3.0 योजना भारतीय युवाओं को उनके रचनात्मक प्रयासों में सफलता प्राप्त करने के लिए एक मंच प्रदान करती है।

योजना की मुख्य विशेषताएँ :-

  • लॉन्च तिथि :- 11 मार्च 2025
  • क्रियान्वयन एजेंसी :- नेशनल बुक ट्रस्ट (NBT), भारत
  • लक्षित प्रतिभागी :- 30 वर्ष से कम आयु के युवा लेखक
  • उद्देश्य :- भारत की सांस्कृतिक और बौद्धिक धरोहर को उजागर करने वाले नए लेखकों को तैयार करना
  • भाषाएँ :- भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में पुस्तकों का प्रकाशन
  • मेंटोरशिप अवधि :- 30 जून 2025 से 30 दिसंबर 2025 तक
  • चयन प्रक्रिया का मंच :- www.mygov.in

PM-Yuva 3.0 योजना के मुख्य बिंदु :-

  • उद्देश्य :- युवा लेखकों को लेखन में मार्गदर्शन और समर्थन देना।
  • प्रशिक्षण :- वरिष्ठ साहित्यकारों और विशेषज्ञों से लेखन में सुधार के लिए प्रशिक्षण।
  • राष्ट्रीय पहचान :- लेखकों को अपनी रचनाएँ राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने का अवसर।
  • संसाधन और सहायता :- लेखकों को प्रकाशन और अन्य साहित्यिक कार्यों में सहायता।
  • समाजिक योगदान :- लेखकों को समाज और संस्कृति के प्रति सकारात्मक योगदान करने के लिए प्रेरित करना।
  • साहित्यिक समृद्धि :- भारतीय साहित्य और संस्कृति को समृद्ध करना।
  • फीडबैक :- लेखकों को अपनी कृतियों पर सुधार के लिए फीडबैक प्राप्त करना

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