
NEET, NET विवाद के बीच केंद्र ने एंटी पेपर लीक कानून लागू किया है। इस कानून में प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार को रोकने के लिए 10 साल तक की कैद और 1 करोड़ रुपये के जुर्माने सहित गंभीर दंड लगाए गए हैं। इसका उद्देश्य सरकारी भर्ती परीक्षाओं में धोखाधड़ी की जांच करना है. लोक परीक्षा कानून 2024 का मकसद सभी सार्वजनिक परीक्षाओं में पारदर्शिता लाना और प्रतियोगी छात्रों को गड़बड़ी से बचाना है. इस कानून के तहत पेपर लीक करने या आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करने पर कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है. इसे 10 लाख रुपये जुर्माना और 5 साल की जेल तक बढ़ाया जा सकता है.
NEET और NET परीक्षा में धांधली, कैसे बढ़ा विवाद?
- परीक्षा 5 मई को हुई थी जिसमें करीब 24-25 लाख छात्र शामिल हुए थे.
- 4 जून को इसका परिणाम घोषित किया गया था.
- इसी दिन लोकसभा चुनाव के नतीजे भी घोषित हुए थे. परिणाम जारी होने के बाद से ही इस पर सवाल उठने लगे थे.
- एक साथ 67 छात्रों ने टॉप किया और उन्हें 720 में से 720 नंबर मिले थे.
- इसके बाद यह मामला और गरमा गया. इसके बाद पता चला कि 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे.
- मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और ग्रेस मार्क्स वाले 1563 छात्रों के स्कोर कार्ड रद्द कर दिए गए.
- सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गईं जिन पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी.
- इस बीच, यूजीसी नेट की परीक्षा 18 जून को रद्द कर दी गई.
- इसमें 9 लाख से अधिक छात्र शामिल हुए थे.
कानून के दायरे में कौन-कौन सी परीक्षा?
इस कानून के दायरे में UPSC, SSC, RRB (रेलवे भर्ती बोर्ड), IBPS बैंकिंग से जुड़े एग्जाम, NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) और केंद्र के सभी मंत्रालयों, विभागों की भर्ती परीक्षाएं भी शामिल होंगी. इसके तहत सभी अपराध गैर-जमानती होंगे.
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