ISRO के अध्यक्ष के रूप में डॉ. वी. नारायणन की नियुक्ति की गई है।

ISRO के अध्यक्ष के रूप में Dr. V. Narayanan की नियुक्ति की गई है। वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. वी. नारायणन को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वे 14 जनवरी, 2025 से वर्तमान अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ की जगह पदभार संभालेंगे। इसरो के अध्यक्ष के रूप में डॉ. वी. नारायणन को भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम सौंपा जाएगा। भारत का लक्ष्य 2040 तक वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में 40 बिलियन डॉलर की हिस्सेदारी हासिल करना है, जो वर्तमान में 400 बिलियन डॉलर है और 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

कौन हैं इसरो के नए प्रमुख?

वी. नारायणन रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रणोदन में लगभग चार दशकों के अनुभव वाले एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक हैं। वे रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रणोदन विशेषज्ञ हैं। वे 1984 में इसरो में शामिल हुए और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) के निदेशक बनने से पहले विभिन्न पदों पर कार्य किया। शुरुआती चरण के दौरान, उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (ASLV) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के साउंडिंग रॉकेट और ठोस प्रणोदन के क्षेत्र में काम किया।

जहां उन्होंने एब्लेटिव नोजल सिस्टम, कम्पोजिट मोटर केस और कम्पोजिट इग्नाइटर केस की प्रक्रिया नियोजन, प्रक्रिया नियंत्रण और कार्यान्वयन में योगदान दिया। नारायणन वर्तमान में एलपीएससी के निदेशक हैं, जो इसरो के प्रमुख केंद्रों में से एक है, जिसका मुख्यालय वलियामाला, तिरुवनंतपुरम में है और इसकी एक इकाई बेंगलुरु में है। नारायणन के पास 40 साल का अनुभव है। वे रॉकेट और अंतरिक्ष यान संचालन के विशेषज्ञ हैं।

Dr. V. Narayanan का प्रमुख योगदान:-

  • लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) :- Dr. V. Narayanan वर्तमान में LPSC के निदेशक हैं, जहां उन्होंने इसरो के विभिन्न मिशनों के लिए लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स और कंट्रोल पावर प्लांट्स के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट्स :- उन्होंने GSLV Mk III के C25 क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में कार्य किया, जिसके तहत C25 स्टेज का सफल विकास हुआ।
  • अन्य मिशन :- Dr. V. Narayanan ने PSLV के दूसरे और चौथे चरणों के निर्माण, आदित्य अंतरिक्ष यान, चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 की प्रणोदन प्रणालियों के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

पुरस्कार और सम्मान :-

  • क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में एम.टेक के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें सिल्वर मेडल से सम्मानित किया गया।
  • कई मिशनों में महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें विभिन्न इसरो मेरिट अवार्ड्स से सम्मानित किया गया है।
  • भारत को क्रायोजेनिक तकनीक में आत्मनिर्भर बनाने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है।
  • कई महत्वपूर्ण मिशनों, जैसे GSLV Mk III और चंद्रयान-2, में योगदान के लिए उन्हें वैज्ञानिक और तकनीकी पुरस्कार प्रदान किए गए।
  • क्रायोजेनिक और प्रोपल्शन सिस्टम्स में उनके काम के लिए उन्हें भारत और विदेशों में कई मंचों पर सम्मानित किया गया है।
  • LPSC के निदेशक के रूप में उनके योगदान की इसरो और भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से सराहना की गई।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( ISRO ) :-

  • स्थापना :- ISRO की स्थापना 15 अगस्त 1969 को हुई थी।
  • संस्थापक :- डॉ. विक्रम साराभाई को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक के रूप में माना जाता है।
  • पहला उपग्रह :- 1975 में ‘आर्यभट्ट’ उपग्रह का प्रक्षेपण, जो भारत का पहला उपग्रह था।
  • पहला स्वदेशी प्रक्षेपण यान :- 1980 में SLV-3 के माध्यम से ‘रोहिणी’ उपग्रह का प्रक्षेपण।
  • मंगलयान :- 2013 में मंगल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश, जिससे भारत ऐसा करने वाला पहला एशियाई देश बना।
  • चंद्रयान-2 :- 2019 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर और रोवर भेजने का प्रयास, जिसमें ऑर्बिटर अभी भी कार्यरत है।
  • चंद्रयान-3 :- 2023 में चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग, जिससे भारत चंद्रमा पर सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला चौथा देश बना।
  • नवीनतम उपलब्धि :- दिसंबर 2024 में ISRO ने अपना पहला अंतरिक्ष डॉकिंग मिशन ‘SpaDeX’ सफलतापूर्वक लॉन्च किया, जिससे भारत अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक विकसित करने वाला चौथा देश बन गया।
  • ISRO के अध्यक्ष :-
    • डॉ. विक्रम साराभाई (ISRO के संस्थापक) :- भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक
    • डॉ. सतीश धवन :- (1972-1984)
    • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम :- भारत के मिसाइल मैन और ISRO में प्रमुख वैज्ञानिक
    • डॉ. के. राधाकृष्णन :- (2009-2014)
    • डॉ. के. सिवन :- (2018-2022 )
    • डॉ. एस. सोमनाथ :- (2022-2025)
    • डॉ. वी. नारायणन :- (14 जनवरी 2025 से)
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