
Green Hydrogen Hub की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 08 जनवरी, 2025 को आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम के निकट पुदीमडका में राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के अंतर्गत देश की पहली Green Hydrogen Hub परियोजना की आधारशिला रखी है। पानी के इलेक्ट्रोलिसिस से बनने वाला ग्रीन हाइड्रोजन एक शुद्ध और प्रदूषण मुक्त ऊर्जा स्रोत है। इसे सौर और पवन ऊर्जा जैसे अक्षय ऊर्जा स्रोतों से बनाया जाता है। Green Hydrogen उत्पादन के लिए विशाखापत्तनम में बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा संयंत्र और पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अलावा, यहाँ उत्पादित ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग परिवहन, रासायनिक और उर्वरक उद्योगों में किया जाएगा, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
यह परियोजना भारत के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य 2030 तक ग्रीन हाइड्रोजन का प्रमुख उत्पादक और निर्यातक बनना है। यह हब न केवल नए रोजगार के अवसर पैदा करेगा बल्कि भारत को “नेट जीरो” कार्बन उत्सर्जन के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद करेगा। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय बाजार में ग्रीन हाइड्रोजन की बढ़ती मांग को देखते हुए यह हब वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करेगा।
Green Hydrogen Hub :-
ग्रीन हाइड्रोजन हब वह स्थान या क्षेत्र है, जहां ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन, भंडारण और वितरण किया जाता है। ग्रीन हाइड्रोजन नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों (जैसे सौर और पवन ऊर्जा) से पानी के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा उत्पादित होता है।
- उद्देश्य :-
- नवीकरणीय ऊर्जा (सौर और पवन ऊर्जा) से ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करना।
- ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करके पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना।
- आयातित जीवाश्म ईंधनों (जैसे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस) पर निर्भरता कम करना।
- रसायन, इस्पात, उर्वरक और परिवहन उद्योगों में ग्रीन हाइड्रोजन को स्वच्छ ऊर्जा विकल्प के रूप में बढ़ावा देना।
- नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न अतिरिक्त ऊर्जा को हाइड्रोजन में बदलकर भंडारण और उपयोग को सुनिश्चित करना।
- ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं से नए आर्थिक अवसर और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना।
- भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन और निर्यात में वैश्विक हब के रूप में स्थापित करना।
- ऊर्जा के स्वच्छ और स्थायी स्रोत विकसित करके ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना।
- “नेट ज़ीरो” कार्बन उत्सर्जन और पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करना।
- हाइड्रोजन उत्पादन, भंडारण, और वितरण के लिए नई तकनीकों और नवाचारों को बढ़ावा देना।
- उत्पादन प्रक्रिया :-
- पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग किया जाता है।
- यह प्रक्रिया पूरी तरह से शून्य उत्सर्जन वाली होती है।
- प्रयोग :-
- परिवहन (फ्यूल सेल वाहन)।
- औद्योगिक प्रक्रियाएं (इस्पात निर्माण, रसायन उत्पादन)।
- बिजली उत्पादन और ऊर्जा भंडारण।
- उर्वरक और अमोनिया उत्पादन।
- लाभ :-
- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी।
- ऊर्जा सुरक्षा में सुधार और आयातित ईंधनों पर निर्भरता कम करना।
- नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना।
- भारत में प्रमुख ग्रीन हाइड्रोजन हब :-
- विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश)।
- गुजरात (दहेज और कच्छ क्षेत्र)।
- राजस्थान (उच्च सौर ऊर्जा क्षमता)।
- अन्य औद्योगिक क्लस्टर।
आंध्र प्रदेश के बारे में :-
- राजधानी :- अमरावती (हालांकि हैदराबाद की राजधानी भी है, क्योंकि हैदराबाद तेलंगाना राज्य की राजधानी बन गया है, लेकिन आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय और अन्य सरकारी दफ्तर हैं।)
- राज्य गठन :- 1 नवंबर 1956
- भाषा :- तेलुगु (आधिकारिक भाषा)
- सीमा :- उत्तर में ओडिशा, पश्चिम में तेलंगाना, दक्षिण में तमिलनाडु, और पूर्व में बंगाल की खाड़ी।
- मुख्य नदियाँ :- कृष्णा नदी, गोदावरी नदी
- प्राकृतिक संसाधन :- कोयला, बॉक्साइट, चूना पत्थर, बक्साइट
- लोक नृत्य :- Kuchipudi
- वन्यजीव अभयारण्य :- गोविंदवल्ली अभयारण्य
- अराकू घाटी :- यह आंध्र प्रदेश का प्रमुख पर्वतीय क्षेत्र है और चाय बागानों के लिए प्रसिद्ध है।
- मुख्यमंत्री :- Y. S. Jagan Mohan Reddy
- प्रसिद्ध मंदिर :- तिरुपति ( भगवान वेंकटेश्वर का )
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