
VB-G RAM G (Viksit Bharat Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission–Gramin) योजना भारत सरकार की नई ग्रामीण रोजगार पहल है, जिसे मनरेगा के स्थान पर लागू किया गया है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ आजीविका संवर्धन, जल संरक्षण, ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर और जलवायु-सहनशील विकास को बढ़ावा देना है। जहाँ मनरेगा एक अधिकार-आधारित कानून था और 100 दिनों के रोजगार की गारंटी देता था, वहीं VB-G RAM G योजना के तहत प्रति वर्ष 125 दिनों तक रोजगार, साप्ताहिक मजदूरी भुगतान और मिशन-मोड में विकास कार्यों पर ज़ोर दिया गया है।
हालांकि, यह योजना बजट-आधारित होने के कारण अधिकार के बजाय सरकारी प्रावधानों पर निर्भर करती है, जिस पर कुछ चिंताएँ भी जताई जा रही हैं। कुल मिलाकर, VB-G RAM G को ग्रामीण रोजगार को विकास के व्यापक लक्ष्य से जोड़ने की एक नई कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
VB-G RAM G और MGNREGA में मूल अंतर :-
- गारंटी का स्वरूप
- MGNREGA: एक अधिनियम (कानून) था जिसमे हर योग्य ग्रामीण परिवार को कम से कम 100 दिन का रोजगार अधिकार के रूप में मिलता था।
- VB-G RAM G: अब यह एक योजना/केंद्रीय सहायता-आधारित मॉडल है जिसमें 125 दिन का रोजगार वादा है, लेकिन इसे बजट-आधारित रूप में लागू किया जायेगा।
- इसका अर्थ यह हुआ कि MGNREGA में ग्रामीणों का “वर्क का अधिकार” था; VB-G RAM G में यह अधिकार अब योजना के कंडिशन और बजट पर निर्भर होगा।
- कार्य दिवस और भुगतान
- MGNREGA: प्रति वर्ष न्यूनतम 100 दिनों का वादा और मजदूरी 15 दिनों के भीतर भुगतान का प्रावधान।
- VB-G RAM G: 125 दिन तक रोजगार की गारंटी और इसके तहत साप्ताहिक मजदूरी भुगतान का प्रावधान है।
- वित्तीय मॉडल (Funding)
- MGNREGA: मजदूरी का 100% खर्च केंद्र सरकार द्वारा; सामग्री लागत का कुछ हिस्सा साझा।
- VB-G RAM G: केंद्र और राज्यों के बीच लागत साझा होगी — सामान्य राज्यों में 60:40; हिमालयी/पूर्वोत्तर में 90:10।
- इससे राज्य सरकारों पर वित्तीय जिम्मेदारी बढ़ेगी।
- कार्य का स्वरूप और योजना
- MGNREGA: ग्राम पंचायतें स्थानीय जरूरतों के आधार पर काम तय करती थीं।
- VB-G RAM G: योजनाएँ चौथे क्षेत्रीय प्राथमिकताओं के आधार पर तय होंगी —
- पानी सुरक्षा
- ग्रामीण मूलभूत ढांचा
- आजीविका उन्नयन
- मौसम-सहनशील कार्य
- इसके लिए Viksit Bharat National Rural Infrastructure Stack के साथ योजनाएँ जोड़ी जाएँगी।
- काम का सीज़न और प्रावधान
- VB-G RAM G में साल में कुल 60 दिन तक पीक कृषि सीज़न के दौरान रोजगार में अंशकालिक रोक (pause) की अनुमति होगी, ताकि खेतों में मजदूर उपलब्ध रह सकें।
- MGNREGA में ऐसी रोक का प्रावधान नहीं था।
VB-G RAM G योजना के संभावित लाभ :-
- रोजगार के दिन बढ़े
- पहले 100 दिन (मनरेगा)
- अब 125 दिन तक रोजगार
- इससे ग्रामीण परिवारों की वार्षिक आय बढ़ने की संभावना
- साप्ताहिक भुगतान व्यवस्था
- मजदूरी हर सप्ताह मिलने का प्रावधान
- देरी और बकाया की समस्या कम हो सकती है
- कैश-फ्लो बेहतर, खासकर गरीब परिवारों के लिए
- काम का फोकस “विकास + आजीविका”
- VB-G RAM G में काम केवल गड्ढे/सड़क तक सीमित नहीं, बल्कि—
- जल संरक्षण
- ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर
- आजीविका संवर्धन
- जलवायु-सहनशील (Climate-Resilient) कार्य
- लंबे समय में स्थायी विकास को बढ़ावा
- डिजिटल और मिशन-मोड अप्रोच
- योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर के इंफ्रास्ट्रक्चर फ्रेमवर्क से जोड़ना
- निगरानी और पारदर्शिता बढ़ने की संभावना
नुकसान / चिंताएँ (Cons & Concerns) :-
- अधिकार से योजना में बदलाव
- मनरेगा = कानूनी अधिकार
- VB-G RAM G = बजट-आधारित योजना
- अगर बजट कम हुआ तो रोजगार भी सीमित हो सकता है
- गरीबों का कानूनी संरक्षण कमजोर
- राज्यों पर वित्तीय बोझ
- अब खर्च केंद्र + राज्य मिलकर
- कई राज्य पहले से आर्थिक संकट में
- इससे काम की संख्या घटने का खतरा
- कृषि पीक-सीजन में 60 दिन की रोक
- खेती के मौसम में काम रोकने का प्रावधान
- छोटे/भूमिहीन मजदूरों को नुकसान
- जिनके पास खेत नहीं, उन्हें विकल्प कम
- खेती के मौसम में काम रोकने का प्रावधान
- महिलाओं पर संभावित नकारात्मक असर
- मनरेगा में महिला भागीदारी ~50%
- काम की प्रकृति बदलने से
- भारी/तकनीकी कार्य
- दूरस्थ कार्य स्थल
नवीनतम योजनाएं :-
- AMR 2.0 National Action Plan: केंद्र सरकार की स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करने की पहल
- LIC Jan Suraksha & Bima Lakshmi Plans 2025 – गारंटीड रिटर्न और सुरक्षा का लाभ एक साथ
- मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025: पीएम मोदी ने किया शुभारंभ, 75 लाख महिलाएं होंगी लाभान्वित
- PMMSY: भारत को मत्स्य निर्यात का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में बड़ा कदम
- Fortified Rice Scheme 2028 तक बढ़ी, सरकार ने स्वीकृत किए ₹17,082 करोड़
- प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना से 1.92 करोड़ युवाओं को मिलेगा लाभ
