प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना से 1.92 करोड़ युवाओं को मिलेगा लाभ

प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (PM Viksit Bharat Rozgar Yojana) एक नई राष्ट्रीय रोजगार प्रोत्साहन योजना है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से लॉन्च किया था। इस योजना का उद्देश्य देश में रोजगार के अवसर बढ़ाना और युवाओं को औपचारिक क्षेत्र में लाना है। लगभग ₹99,446 करोड़ से ₹1 लाख करोड़ के बजट वाली यह योजना 1 अगस्त 2025 से लागू हो गई है और 31 जुलाई 2027 तक चलेगी। सरकार का लक्ष्य इसके जरिए 3.5 करोड़ नए रोजगार सृजित करना है, जिनमें से लगभग 1.92 करोड़ पहली बार नौकरी चाहने वाले होंगे।

योजना के तहत दो प्रमुख घटक हैं- पहला, पहली बार EPFO में शामिल होने वाले कर्मचारियों को ₹15,000 का प्रोत्साहन मिलेगा, जो दो किस्तों में दिया जाएगा (पहला 6 महीने तक काम करने पर और दूसरा 12 महीने पूरे करने और वित्तीय साक्षरता पाठ्यक्रम करने पर)। दूसरी किस्त का एक हिस्सा किसी बचत साधन में जमा किया जाएगा, ताकि दीर्घकालिक बचत की आदत विकसित हो। दूसरा घटक नियोक्ताओं के लिए है, जिसमें ईपीएफओ-पंजीकृत कंपनियों को 2 वर्षों तक (विनिर्माण क्षेत्र में 4 वर्ष तक) प्रत्येक नए कर्मचारी पर प्रति माह ₹3,000 तक का प्रोत्साहन मिलेगा। इस योजना के तहत EPFO से जुड़े नए और स्थायी रोजगार को बढ़ावा देने के साथ-साथ युवाओं की आर्थिक सुरक्षा और वित्तीय साक्षरता को भी मजबूत किया जाएगा।

प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना की दो मुख्य धाराएँ :-

Part A – पहले बार नौकरी पाने वाले (Employees) :-

  • पात्रता :- ₹1 लाख तक मासिक वेतन वाले EPFO-पंजीकृत युवा और पहली बार EPFO में शामिल होने वाले युवा (1 अगस्त 2025 से पहले EPFO सदस्य नहीं होने चाहिए)।
  • लाभ :- ₹15,000 का एक महीने का EPF वेतन दो किश्तों में दिया जाएगा – पहली किश्त 6 महीने काम करने पर और दूसरी किश्त 12 महीने काम करने और वित्तीय साक्षरता पाठ्यक्रम पूरा करने पर।
  • दूसरी किश्त का एक हिस्सा दीर्घकालिक बचत (serving instrument) में जमा किया जाएगा, जिससे बचत की आदत को बढ़ावा मिलेगा।

Part B – नियोक्ता (Employers) :-

  • पात्रता :- EPFO -पंजीकृत कंपनियाँ जो नए कर्मचारियों को नियुक्त करती हैं और उन्हें न्यूनतम 6 महीने तक बनाए रखती हैं; विनिर्माण क्षेत्र में लाभ अतिरिक्त 3 और 4 वर्षों तक भी जारी रहते हैं।
  • लाभ :- प्रत्येक नए कर्मचारी के लिए ₹3,000 प्रति माह तक का प्रोत्साहन दो वर्षों तक जारी रहता है (विनिर्माण क्षेत्र में 4 वर्ष)।

प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना हेतु मुख्य बिंदु :-

  • लॉन्च तिथि :– 15 अगस्त 2025 (प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के भाषण में घोषित)।
  • कार्यान्वयन अवधि :– 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक।
  • उद्देश्य :– देश में औपचारिक रोज़गार का सृजन, पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को जोड़ना और ईपीएफओ आधारित रोज़गार को प्रोत्साहित करना।
  • कुल बजट :– लगभग ₹99,446 करोड़ से ₹1 लाख करोड़।
  • लक्ष्य :– 3.5 करोड़ नए रोज़गार, जिनमें 1.92 करोड़ पहली बार नौकरी चाहने वाले शामिल हैं।
  • दो प्रमुख घटक –
    • भाग A :– कर्मचारी (पहली बार नौकरी चाहने वाले):
      • EPFO में पहली बार पंजीकरण (1 अगस्त 2025 से पहले सदस्य नहीं होना चाहिए)।
      • मासिक वेतन ≤ ₹1 लाख।
      • दो किस्तों में ₹15,000 का लाभ – पहली 6 महीने की नौकरी पूरी होने पर, दूसरी 12 महीने की नौकरी पूरी होने पर और वित्तीय साक्षरता पाठ्यक्रम।
      • दूसरी किस्त का एक हिस्सा दीर्घकालिक बचत योजना में जमा किया जाएगा।
    • भाग B – नियोक्ता :-
      • EPFO-पंजीकृत कंपनियाँ, नए कर्मचारियों को कम से कम 6 महीने तक बनाए रखेंगी।
      • प्रत्येक नए कर्मचारी को 2 वर्ष तक (विनिर्माण क्षेत्र में 4 वर्ष तक) ₹3,000/माह तक का प्रोत्साहन।
  • लाभार्थी श्रेणी :-
    • कर्मचारी :- पहली बार औपचारिक क्षेत्र में प्रवेश करने वाले युवा।
    • नियोक्ता :- EPFO से संबद्ध कंपनियाँ।
  • विशेष प्रावधान :-
    • वित्तीय साक्षरता पाठ्यक्रम अनिवार्य किया गया।
    • विनिर्माण क्षेत्र को अतिरिक्त अवधि (4 वर्ष) का लाभ मिलता है।
    • बचत की आदत को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा बचत योजना में जमा किया जाएगा।
  • कार्यान्वयन एजेंसी :- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)।
  • महत्व :- रोजगार सृजन, औपचारिक क्षेत्र में श्रमिकों की संख्या में वृद्धि, आर्थिक सुरक्षा और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना।
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