बीमा सखी योजना को ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ावा देने के लिए LIC और MoRD का समझौता

बीमा सखी योजना : भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने हाल ही में ग्रामीण क्षेत्रों में ‘बीमा सखी योजना’ को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता 8 से 10 जुलाई 2025 के बीच गोवा में आयोजित अनुभूति राष्ट्रीय वित्तीय साक्षरता एवं समावेशन शिखर सम्मेलन के दौरान संपन्न हुआ। इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें बीमा क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करना है।

‘बीमा सखी योजना’ के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं LIC एजेंट के रूप में कार्य करती हैं, जिन्हें बीमा पॉलिसियों की बिक्री पर कमीशन के साथ-साथ पहले तीन वर्षों के लिए प्रदर्शन-आधारित मासिक वजीफा भी मिलता है। यह वजीफा पहले वर्ष में ₹7,000, दूसरे वर्ष में ₹6,000 और तीसरे वर्ष में ₹5,000 निर्धारित है, जो निर्धारित लक्ष्यों (जैसे: न्यूनतम 24 सक्रिय पॉलिसियाँ और 65% नवीनीकरण दर) की प्राप्ति पर निर्भर करता है।

अब तक देश भर में लगभग 2.05 लाख महिलाएँ इस योजना से जुड़ चुकी हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ इस समझौते के बाद, दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के अंतर्गत ‘बीमा सखी योजना’ का भी विस्तार किया जाएगा, ताकि स्वयं सहायता समूहों (SHG) की अधिक से अधिक महिलाएँ इसका लाभ उठा सकें। यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा की पहुँच और जागरूकता भी बढ़ाएगी।

स्टाइपेंड (प्रोत्साहन राशि):-

  • पहला वर्ष :- ₹7,000 प्रति माह (24 सक्रिय पॉलिसी पर)
  • दूसरा वर्ष :- ₹6,000 प्रति माह (65% रिन्युअल दर पर)
  • तीसरा वर्ष :- ₹5,000 प्रति माह (65% रिन्युअल दर बनाए रखने पर)

बीमा सखी योजना का उद्देश्य :-

  • ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना
    • बीमा क्षेत्र में काम करके महिलाओं को अपनी आय का स्रोत विकसित करने का अवसर प्रदान करना।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा सेवाओं की पहुँच बढ़ाना।
    • हर गाँव में बीमा योजनाओं की जानकारी और सुविधाएँ उपलब्ध कराना।
  • स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं को सशक्त बनाना।
    • स्वयं सहायता समूह की सदस्य महिलाओं को प्रशिक्षण देकर बीमा सखी के रूप में विकसित करना।
  • बीमा के बारे में जागरूकता फैलाना।
    • ग्रामीण जनता को जीवन बीमा के महत्व और लाभों के बारे में जानकारी देना।
  • स्थायी आय के साधन उपलब्ध कराना।
    • महिलाओं को मासिक वजीफा और कमीशन के माध्यम से नियमित आय प्रदान करना।
  • वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना।
    • बीमा सेवाओं के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली से जोड़ना।
  • LIC के माध्यम से जमीनी स्तर तक सरकारी योजनाओं की पहुँच बनाना।
    • एलआईसी की बीमा योजनाओं को गाँवों तक पहुँचाकर सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना।
  • महिलाओं के लिए भविष्य के करियर के अवसर खोलना।
    • अच्छे प्रदर्शन के आधार पर उन्हें एलआईसी में स्थायी नौकरी (ADO जैसी) पाने में सक्षम बनाना।

बीमा सखी योजना में आय के स्रोत :-

  • बीमा पॉलिसी पर कमीशन
    • महिलाएं जो बीमा पॉलिसी बेचती हैं, उन पर उन्हें LIC से कमीशन मिलता है।
    • (Commission-based earning from policy sales)
  • प्रदर्शन आधारित मासिक स्टाइपेंड
    • बीमा सखी को पहले तीन वर्षों तक मासिक प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जो प्रदर्शन पर निर्भर होती है:
  • वर्ष स्टाइपेंड (₹/माह) शर्तें
    • पहला वर्ष ₹7,000 कम से कम 24 सक्रिय पॉलिसी
    • दूसरा वर्ष ₹6,000 पहली साल की 65% पॉलिसियों की रिन्युअल
    • तीसरा वर्ष ₹5,000 दूसरी साल की 65% पॉलिसियों की रिन्युअल
  • नवीन ग्राहकों को जोड़ने पर बोनस/इंसेंटिव (यदि लागू हो)
    • कुछ राज्यों या योजनाओं में नए ग्राहकों को जोड़ने पर अतिरिक्त प्रोत्साहन भी मिलता है।
  • LIC की अन्य योजनाओं की बिक्री पर लाभ
    • स्वास्थ्य बीमा, एंडोवमेंट पॉलिसी, माइक्रो-इंश्योरेंस आदि बेचने पर भी कमीशन मिलता है।
  • प्रशिक्षण/सर्टिफिकेशन के बाद अन्य एजेंसी कार्यों का अवसर
    • योग्य बीमा सखी आगे चलकर LIC के अन्य डिवीजन में कार्य कर सकती है (जैसे ADO, DSA आदि) जिससे उनकी आय और बढ़ सकती है।
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