
ताजिकिस्तान में महिलाओं के हिजाब पहनने पर सरकार ने पाबंदी लगाई है। 96 % मुस्लिम आबादी वाले देश की संसद के उच्च सदन में ‘मजलिसी मिल्ली’ में विधेयक को औपचारिक मंजूरी दी गई है। नए संशोधनों के मुताबिक, कानून का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। ये कदम देश में धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। वहीं 2015 में भी राष्ट्रपति इमोमाली रहमान ने हिजाब के खिलाफ आंदोलन भी चलाया था। संसद के उच्च सदन ‘मजलिसी मिल्ली’ में विधेयक को औपचारिक मंजूरी दी गई है। विधेयक में विदेशी परिधानों को दो सबसे महत्वपूर्ण इस्लामी छुट्टियों, ईद-उल-फित्र और ईद-उल-अजहा के लिए बच्चों के उत्सवों में शामिल होने पर भी रोक लगा दी गई है। इस दौरान बच्चे लोगों को बधाई देने के लिए घरों से निकलते हैं। यह प्रस्ताव प्रशासनिक उल्लंघन संहिता में संशोधन को मंजूरी के बाद पास हुआ है।
नया नियम क्या है?
ताजिकिस्तान में हिजाब पर आधिकारिक प्रतिबंध कई वर्षों के अनौपचारिक प्रतिबंध के बाद आया है। 2007 में, शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों के लिए इस्लामी पोशाक और पश्चिमी शैली की मिनीस्कर्ट दोनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। बाद में प्रतिबंध को सभी सार्वजनिक संस्थानों तक बढ़ा दिया गया। हाल के वर्षों में हिजाब और अन्य इस्लामी पोशाक खाड़ी देशों से ताजिकिस्तान आ रही हैं और माना जाता है कि यह बढ़ते चरमपंथ से जुड़ा हुआ है। देश में घनी दाढ़ी रखने पर भी अनौपचारिक प्रतिबंध है। 2007 में, शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों के लिए इस्लामी पोशाक और पश्चिमी शैली की मिनीस्कर्ट दोनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। बाद में यह प्रतिबंध सभी सार्वजनिक संस्थानों तक बढ़ा दिया गया।
नियम तोड़ने पर जुर्माना :-
इसका उल्लंघन करने पर व्यक्तियों पर 7920 सोमोनी (ताजिक मुद्रा) और कंपनियों पर 39,500 सोमोनी का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। हालांकि, सरकारी अधिकारियों पर जुर्माना अधिक है। दोषी पाए जाने पर सरकारी और धार्मिक अधिकारियों पर क्रमशः 54000 से 57,600 सोमोनी तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
ताजिकिस्तान :-
- राजधानी ( और सबसे बड़ा नगर ) :- दुशान्बे
- राष्ट्रपति :- इमोमली रहमान
- प्रधानमंत्री :- ओकिल ओकिलोव
- क्षेत्रफल :- कुल 1,43,000 km2
- मुद्रा :- सोमोनी (TJS)
- स्थापित :- 5 December 1929
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