स्पीकिंग विद नेचर: द ओरिजिन्स ऑफ इंडियन एनवायरनमेंटलिज्म रामचंद्र गुहा द्वारा लिखित

स्पीकिंग विद नेचर: द ओरिजिन्स ऑफ इंडियन एनवायरनमेंटलिज्म रामचंद्र गुहा द्वारा भारतीय पर्यावरणवाद की शुरुआत और विकास पर एक गहन शोध है। इस पुस्तक में गुहा ने भारत में पर्यावरण आंदोलनों के सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहलुओं का विश्लेषण किया है। यह पुस्तक मुख्य रूप से भारतीय पर्यावरण आंदोलन और उसके पीछे की सोच, परंपराओं और ऐतिहासिक घटनाओं पर प्रकाश डालती है। स्पीकिंग विद नेचर में गुहा भारतीय पर्यावरणवाद के ऐतिहासिक और दार्शनिक आधारों पर गहराई से चर्चा करते हैं और भारत की एक ऐसी तस्वीर पेश करते हैं जो लंबे समय से पारिस्थितिकी स्थिरता और संरक्षण के प्रति सचेत है।

रामचंद्र गुहा “जीविका पर्यावरणवाद” का उल्लेख करते हैं, जो पश्चिमी “पूर्ण-वसा पर्यावरणवाद” से अलग है। उनके अनुसार, जबकि पश्चिमी पर्यावरणवाद अक्सर जीवनशैली संबंधी चिंताओं से प्रेरित होता है, भारतीय पर्यावरणवाद अस्तित्व की अनिवार्यता से प्रेरित होता है। पुस्तक में प्रमुख पर्यावरणविदों जैसे सुंदरलाल बहुगुणा, चंडी प्रसाद भट्ट, और अन्य की जीवन यात्रा और योगदान का वर्णन है। इसमें चिपको आंदोलन, नर्मदा बचाओ आंदोलन आदि जैसे प्रमुख आंदोलनों का उल्लेख किया गया है, जिन्होंने भारतीय पर्यावरणवाद को आकार दिया।

पुस्तक में गुहा ने उन दस प्रमुख विचारकों के जीवन और योगदान को प्रमुखता दी है :-

  • Rabindranath Tagore – प्रकृति और मानव सभ्यता के बीच सामंजस्य का समर्थन किया।
  • Radhakamal Mukherjee – प्रकृति संरक्षण को सामाजिक दृष्टिकोण से देखा।
  • J.C. Kumarappa – ग्राम केंद्रित, पर्यावरण अनुकूल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया।
  • Patrick Geddes – भारतीय शहरी डिज़ाइन में पारिस्थितिकीय ध्यान को शामिल किया।
  • Albert and Gabrielle Howard – जैविक खेती के माध्यम से स्थायी कृषि को बढ़ावा दिया।
  • Mira (Madeleine Slade) – गांधीवादी अनुयायी, जिन्होंने हिमालय क्षेत्र में सरल जीवन और पर्यावरणीय संतुलन का समर्थन किया।
  • Verrier Elwin – आदिवासी अधिकारों और वन संरक्षण के लिए कार्य किया।
  • K.M. Munshi – वन महोत्सव की शुरुआत की।
  • M. Krishnan – वन्यजीव फोटोग्राफर और लेखक जिन्होंने भारत की जैव विविधता के बारे में जागरूकता फैलाई।

परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण तथ्य:-

  • लेखक :- रामचंद्र गुहा
  • पुस्तक का शीर्षक :- स्पीकिंग विद नेचर: द ओरिजिन्स ऑफ इंडियन एनवायरनमेंटलिज्म
  • मुख्य विषय :- भारतीय पर्यावरणवाद का इतिहास, प्रमुख आंदोलनों का विश्लेषण, और पर्यावरणीय चुनौतियाँ।
  • प्रकाशन वर्ष :- 2024
  • प्रमुख आंदोलन :- चिपको आंदोलन, नर्मदा बचाओ आंदोलन आदि
  • मुख्य प्रेरणा :- भारत के आदिवासी समुदायों और स्थानीय संस्कृति में निहित पर्यावरण संरक्षण की भावना

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