शुभांशु शुक्ला की उड़ान: अंतरराष्ट्रीय सहयोग से अंतरिक्ष में भारत की बड़ी छलांग

शुभांशु शुक्ला ने 26 जून 2025 को इतिहास रच दिया जब वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचने वाले पहले भारतीय नागरिक बन गए। वह भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन और प्रशिक्षित परीक्षण पायलट हैं, जिन्हें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा अंतरिक्ष यात्री के रूप में नामित किया गया था। उनका मिशन एक निजी अमेरिकी कंपनी एक्सिओम स्पेस द्वारा आयोजित एक्सिओम मिशन 4 (एक्स-4) के तहत हुआ था। यह मिशन 25 जून 2025 को फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा लॉन्च किया गया था और लगभग 36 घंटे बाद वह अपने साथियों के साथ ISS पर सफलतापूर्वक डॉक किया गया।

इससे पहले भारत के राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत संघ के सोयूज टी-11 मिशन के तहत अंतरिक्ष की यात्रा की थी, लेकिन वह ISS नहीं गए थे, क्योंकि तब ISS अस्तित्व में नहीं था। इस लिहाज से शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय सहयोग के जरिए अंतरिक्ष स्टेशन पर कदम रखने और वहां वैज्ञानिक शोध शुरू करने वाले पहले भारतीय हैं।

ISS पर अपने 14 दिनों के प्रवास के दौरान शुभांशु शुक्ला करीब सात बड़े वैज्ञानिक प्रयोग कर रहे हैं, जिसमें माइक्रोग्रैविटी में जैविक, भौतिक और स्वास्थ्य संबंधी शोध शामिल हैं। इस मिशन के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात की, जिसमें उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अंतरिक्ष से भारत को देखा तो वह बहुत भव्य और गौरवशाली लगा। वे अपने साथ अंतरिक्ष में गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम का जूस जैसे भारतीय व्यंजन भी ले गए, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय टीम के अन्य सदस्यों ने चखा और सराहा।

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station – ISS) :-

  • नाम :– अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS)
  • स्थापना :– 20 नवंबर 1998 (पहला मॉड्यूल लॉन्च किया गया)
  • प्रकार :– कृत्रिम उपग्रह और मानवयुक्त अंतरिक्ष प्रयोगशाला
  • उद्देश्य :– सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में वैज्ञानिक अनुसंधान और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना.
  • प्रमुख भाग :– मॉड्यूल (रहने योग्य), सौर पैनल, डॉकिंग स्टेशन, रोबोटिक आर्म्स
  • कुल मॉड्यूल :– 15 से अधिक (कई देशों से)
  • लंबाई :– लगभग 109 मीटर
  • वजन :– लगभग 420 टन
  • सौर ऊर्जा :– ISS पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर चलता है।
  • कक्षा :– पृथ्वी से लगभग 400 किलोमीटर की ऊँचाई पर
  • गति :– लगभग 28,000 किलोमीटर/घंटा
  • पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा :– 90 मिनट में एक चक्कर
  • प्रति दिन चक्कर :– पृथ्वी के चारों ओर लगभग 16 बार चक्कर लगाता है।
  • निरंतर मानवीय उपस्थिति :– नवंबर 2000 से
  • अंतरिक्ष यात्रियों की संख्या :– औसतन 6 सदस्य
  • राष्ट्रीयता :– अब तक 20+ देशों के 250+ अंतरिक्ष यात्री ISS पर रह चुके हैं
  • पहले भारतीय :– शुभांशु शुक्ला (2025, एक्स-4 मिशन के तहत)।

मिशन विवरण :-

  • मिशन का नाम :– एक्सिओम मिशन 4 (एक्स-4)
  • लॉन्च तिथि :– 25 जून 2025
  • लॉन्च स्थल :– कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा (NASA)
  • रॉकेट/वाहन :– स्पेसएक्स फाल्कन 9
  • डॉकिंग तिथि (ISS से जुड़ना) :– 26 जून 2025
  • कुल अवधि :– ISS पर लगभग 14 दिन का प्रवास
  • आयोजन संगठन :- एक्सिओम स्पेस (USA)
  • भागीदारी :– भारत, USA, हंगरी और पोलैंड के अंतरिक्ष यात्री

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