
‘विक्ट्री सिटी’ का प्रकाशन ब्रिटिश भारतीय लेखक सलमान रुश्दी ने किया है।भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी पर बीते साल न्यूयार्क में जानलेवा हमला किया गया था। इस हमले में उनकी जान बाल-बाल बची थी। हालांकि इस हमले में उन्होंने एक आंख की रोशनी हमेशा के लिए खो दी थी। इस घटना के छह महीने के बाद उन्होंने अपना एक नया उपन्यास प्रकाशित किया है। इस किताब का नाम ‘विक्ट्री सिटी’ है। यह किताब 14 वीं शताब्दी की कहानी कहती ऐसी महिला पर आधारित है जिसने एक शहर पर शासन करने के लिए पितृसत्तात्मक व्यवस्था को चुनौती दे डाली। इस किताब को सलमान रुश्दी ने हमले से पहले ही लिख दिया था। लेकिन कुछ कारणों से वह इसका प्रकाशन नहीं करा पाए थे।
यह उपन्यास मूल रूप से संस्कृत में लिखे गए एक ऐतिहासिक महाकाव्य का अनुवाद है। इस किताब में एक युवा अनाथ लड़की पम्पा कम्पाना की कहानी है जो जादुई शक्तियों के साथ जन्म ली हुई है। उस पर एक देवी की कृपा है। और शहर को आधुनिक भारत में बिस्नगा के रूप में दर्शाती है।
75 वर्षीय सलमान रुश्दी ने अपनी शारीरिक स्थिति के कारण अपने इस 15वें उपन्यास का प्रचार नहीं कर पा रहे है। हालांकि उनके एजेंट एंड्रयू वाइली ने द गार्जियन को बताया कि उनकी हालत में सुधार हो रहा है। गौरतलब है कि रुश्दी पर उस वक्त जानलेवा हमला हुआ था जब वह स्पैन के अखबार एल पाइस को इंटरव्यू दे रहे थे। रुश्दी पर इस दौरान हमलावर हादी मतर ने गर्दन पर कई वार कर दिए थे। हमले में रुश्दी ने एक आंख और एक हाथ भी गंवा दिया था।
12 उल्लेखनीय सलमान रुश्दी पुस्तकें:-
- ग्रिमस (1975)
- मिडनाइट्स चिल्ड्रन (1981)
- शेम (1983)
- द सैटेनिक वर्सेज (1988)
- मूर की आखिरी सांस (1995)
- द ग्राउंड बिनीथ हर फीट (1999)
- फरी (2001)
- शालीमार द क्लाउन (2005)
- फ्लोरेंस की जादूगरनी (2008)
- दो साल आठ महीने और अट्ठाईस रातें (2015)
- द गोल्डन हाउस (2017)
- क्विचोटे (2019)
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