
भारत का पहला मानवयुक्त गहरे समुद्र मिशन, “समुद्रयान” 2026 तक लॉन्च करने की योजना है। इस मिशन का संचालन भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT), चेन्नई द्वारा किया जा रहा है। इस मिशन का उद्देश्य गहरे समुद्र में खनिज संसाधनों, जैव विविधता और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र का अध्ययन करना है। समुद्रयान के तहत एक विशेष मानवयुक्त पनडुब्बी “मत्स्य 6000” बनाई जा रही है, जो समुद्र में लगभग 6000 मीटर (6 किलोमीटर) की गहराई तक गोता लगाने में सक्षम होगी।
इसमें तीन वैज्ञानिक या चालक दल के सदस्य एक साथ यात्रा कर सकेंगे। यह वाहन एक मजबूत टाइटेनियम धातु से बना है और इसे उच्च दबाव और अत्यधिक तापमान जैसी चरम स्थितियों में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह मिशन भारत को गहरे समुद्र में अन्वेषण करने वाले अग्रणी देशों जैसे अमेरिका, रूस, चीन, जापान और फ्रांस की श्रेणी में खड़ा कर देगा। समुद्रयान मिशन गहरे समुद्र में “ब्लू इकोनॉमी” को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो देश के आर्थिक विकास में भी योगदान देगा। यह मिशन भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति का प्रतीक है और सफल होने पर देश को समुद्री संसाधनों के दोहन, पर्यावरण संतुलन और रणनीतिक अनुसंधान में बड़ी उपलब्धि मिलेगी।
समुद्रयान मिशन के उद्देश्य :-
- गहरे समुद्र में खनिज संसाधनों की खोज :- कोबाल्ट, निकल, मैंगनीज और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों जैसी कीमती धातुओं को खोजने का काम।
- समुद्री जैव विविधता का अध्ययन :- गहरे समुद्र में पाए जाने वाले अनोखे जीवों और पारिस्थितिकी तंत्रों की पहचान और अनुसंधान।
- समुद्र तल की भूगर्भीय संरचना का विश्लेषण :- समुद्र की सतह के नीचे चट्टानों, ज्वालामुखी गतिविधियों और प्लेट टेक्टोनिक्स का अध्ययन।
- भारत की नीली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना :- समुद्री संसाधनों का दोहन करके आर्थिक विकास में योगदान देना।
- मानवयुक्त पनडुब्बी प्रौद्योगिकी का विकास :- स्वदेशी तकनीक से गहरे समुद्र में जाने में सक्षम मानवयुक्त वाहन का निर्माण और परीक्षण।
- समुद्र में तापमान, दबाव, रसायन विज्ञान और जीवन चक्र से संबंधित डेटा एकत्र करना।
- वैश्विक महासागर अनुसंधान में भारत को अग्रणी बनाना :- भारत को अमेरिका, रूस, चीन जैसे देशों के बराबर लाना, जो पहले से ही गहरे समुद्र मिशनों में अग्रणी हैं।
- रणनीतिक और रक्षा अनुसंधान :- समुद्री क्षेत्रों में रणनीतिक अन्वेषण और निगरानी के लिए आवश्यक डेटा और तकनीकी समझ।
MATSYA 6000 की प्रमुख विशेषताएँ :-
- डेवलपर संगठन :- राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT), चेन्नई
- अधिकतम गहराई क्षमता :- 6000 मीटर (6 किलोमीटर) तक की गहराई तक जाने में सक्षम
- चालक दल की क्षमता :- एक बार में 3 वैज्ञानिकों या चालक दल के सदस्यों को ले जा सकता है
- संरचना :-
- टाइटेनियम मिश्र धातु से बना
- उच्च जल दबाव को झेलने के लिए डिज़ाइन किया गया
- ऑक्सीजन और जीवन समर्थन प्रणाली :-
- वाहन में 12 घंटे की जीवन समर्थन क्षमता है
- अतिरिक्त 96 घंटे की आपातकालीन बैकअप प्रणाली
- संचालन नियंत्रण :-
- उन्नत नेविगेशन, कैमरा और संचार प्रणाली
- प्रकाश व्यवस्था और रिमोट से संचालित हाथों से सुसज्जित
- सुरक्षा विशेषताएं :-
- सीलिंग और आपातकालीन रीसर्फेसिंग तकनीक की कई परतें
- उच्च दबाव प्रतिरोधी डिज़ाइन
- स्वदेशी तकनीक :- भारत में पूरी तरह से विकसित और निर्मित – आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम
- अन्य विशेषताएं :-
- मिशन के दौरान 6 किमी तक समुद्र तल पर उपकरणों को संचालित करने और संचालित करने की क्षमता
- वैज्ञानिक उपकरणों और सेंसर से लैस
डीप ओशन मिशन (Deep Ocean Mission – DOM) :-
- पहली बार 2018 में प्रस्तावित, और आधिकारिक रूप से 2021 में लॉन्च किया गया।
- प्रमुख मंत्रालय :- पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences)
- मुख्य उद्देश्य :- भारत के गहरे समुद्र क्षेत्र की खोज, संसाधनों का दोहन, और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण।
- मुख्य घटक (Components) :-
- गहरे समुद्र में मानवयुक्त मिशन (समुद्रयान) :-
- “मत्स्य 6000” नामक मानवयुक्त पनडुब्बी का निर्माण
- 6000 मीटर तक की गहराई पर अनुसंधान
- समुद्र तल से खनिजों की खोज :-
- कोबाल्ट, निकल, मैंगनीज और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों जैसी कीमती धातुओं की खोज और संग्रह
- समुद्री जैव विविधता का अध्ययन :-
- गहरे समुद्र में पाए जाने वाले अद्वितीय जीवों और पारिस्थितिकी तंत्रों का अध्ययन
- महासागर जलवायु डेटा संग्रह :-
- जलवायु परिवर्तन, समुद्र के तापमान, धारा, लवणता आदि से संबंधित डेटा एकत्र करना
- ऊर्जा और तटीय सामुदायिक विकास :-
- समुद्री ऊर्जा स्रोतों (जैसे ज्वारीय ऊर्जा) की खोज
- तटीय क्षेत्रों में सतत विकास को बढ़ावा देना
- समुद्री प्रौद्योगिकी का विकास :-
- स्वदेशी उपकरण, सेंसर और वाहनों का निर्माण और उपयोग
- गहरे समुद्र में मानवयुक्त मिशन (समुद्रयान) :-