
भारत सरकार ने देश में सटीक, मानकीकृत और तकनीकी रूप से उन्नत डिजिटल एड्रेसिंग सिस्टम विकसित करने के उद्देश्य से “ध्रुव नीति” (DHRUV – शहरी और ग्रामीण एड्रेसिंग में सुधार के लिए गृह अभिलेखों का डिजिटलीकरण नीति) शुरू की है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य देश भर के हर घर, संस्थान और भूखंड को एक अद्वितीय डिजिटल एड्रेस कोड (जैसे Digital PIN या DIGIPIN) प्रदान करना है। यह कोड भू-निर्देशांक (अक्षांश और देशांतर) पर आधारित होगा, जो पारंपरिक पतों की सीमाओं और अस्पष्टताओं को दूर करेगा। इस पहल के तहत, भारतीय डाक विभाग और इसरो का राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (NRSC) एड्रेस मैपिंग और डिजिटल मैपिंग को अधिक सटीक और व्यावहारिक बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
ध्रुव नीति का उद्देश्य न केवल डाक सेवाओं को मजबूत करना है, बल्कि यह ई-गवर्नेंस, आपदा प्रबंधन, शहरी नियोजन, भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन और ई-कॉमर्स सेवाओं को भी मजबूत करेगा। इससे सरकारी सेवाएँ नागरिकों तक अधिक प्रभावी, पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पहुँच सकेंगी। साथ ही, इस नीति को “एक राष्ट्र, एक पता” की अवधारणा को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह डिजिटल इंडिया मिशन के तहत एक क्रांतिकारी पहल है, जो देश के डिजिटल बुनियादी ढांचे को वैश्विक मानकों के अनुरूप विकसित करेगी। इस नीति का उद्देश्य शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को समान रूप से कवर करना है, ताकि प्रत्येक नागरिक को एक गारंटीकृत डिजिटल पहचान मिल सके।
ध्रुव नीति की मुख्य विशेषताएं :-
- प्रत्येक घर, दुकान, संस्था व भूखंड को एक अद्वितीय डिजिटल एड्रेस कोड प्रदान किया जाएगा।
- हर एड्रेस को जियो-कोऑर्डिनेट्स (अक्षांश व देशांतर) से जोड़ा जाएगा, जिससे स्थान की पहचान सटीक रूप से हो सकेगी।
- एड्रेसिंग प्रणाली के लिए जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम (GIS) और रिमोट सेंसिंग तकनीकों का प्रयोग किया जाएगा।
- नीति का विस्तार केवल शहरी नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों तक भी होगा।
- योजनाओं की पहुंच, डाक सेवाओं, ई-कॉमर्स और इमरजेंसी सेवाओं की सटीक डिलीवरी संभव होगी।
- यह नीति भारत के डिजिटल परिवर्तन को गति देने के लिए महत्वपूर्ण आधार तैयार करेगी।
- पूरे देश में एक समान और मानकीकृत एड्रेसिंग सिस्टम लागू करने का प्रयास।
- नागरिकों की एड्रेस संबंधी जानकारी को सुरक्षित रखने की व्यवस्था।
- स्मार्ट सिटी, शहरी विकास, भूमि उपयोग और आपदा प्रबंधन जैसी योजनाओं में डेटा उपयोगी होगा।
- नीति को लागू करने में भारत सरकार के विभिन्न विभागों के साथ-साथ ISRO की तकनीकी सहायता भी शामिल है।
नीति की आवश्यकता क्यों पड़ी?
- पारंपरिक पते अस्पष्ट होते हैं या दोहराव वाले होते हैं।
- डिलीवरी सेवाओं, सरकारी योजनाओं की पहुंच और शहरी योजना में बाधा आती थी।
- आपदा प्रबंधन, भूमि रिकॉर्ड व ई-गवर्नेंस में सटीकता की आवश्यकता।
मुख्य लाभ:-
- नागरिकों को तेज़, सटीक और पारदर्शी सेवाएं मिलेंगी।
- ई-कॉमर्स, डिलीवरी सेवाएं और स्मार्ट सिटी परियोजनाएं सुदृढ़ होंगी।
- डिजिटल इंडिया मिशन को बढ़ावा मिलेगा।
- भूमि विवाद और संपत्ति पहचान में सुधार।
नवीनतम योजनाएं :-
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