डॉ. जयतीर्थ राघवेंद्र जोशी को ब्रह्मोस एयरोस्पेस का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है।

डॉ. जयतीर्थ राघवेंद्र जोशी को ब्रह्मोस एयरोस्पेस का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है। वह 01 दिसंबर 2024 से पदभार ग्रहण करेंगे। मिसाइल विज्ञान और रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तीन दशकों से अधिक के अनुभव के साथ डॉ. जोशी ने भारत की सामरिक शक्ति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। डॉ. जयतीर्थ राघवेंद्र जोशी अतुल दिनकर राणे का स्थान लेंगे, जो 2021 से कंपनी का नेतृत्व कर रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने लॉन्ग-रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (LRSAM) परियोजना का भी नेतृत्व किया है। वह नॉन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग (NDT) के विशेषज्ञ हैं और उन्होंने इस क्षेत्र में 600 से अधिक पेशेवरों को प्रशिक्षित किया है।

डॉ. जोशी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। वे मिसाइल प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञ माने जाते हैं। उनके नेतृत्व में ब्रह्मोस परियोजना और रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता एवं तकनीकी क्षमताएं और मजबूत होंगी। डॉ. जोशी की मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि ने उनके करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक और एनआईटी वारंगल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री हासिल की, जहां उन्होंने उन्नत मैकेनिकल सिस्टम में विशेषज्ञता हासिल की है।

प्रमुख मिसाइल कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान :-

  • पृथ्वी मिसाइल प्रणाली :- भारत की प्रारंभिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • अग्नि मिसाइल कार्यक्रम :- भारत की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल के डिजाइन और निष्पादन में योगदान दिया।
  • LRSAM कार्यक्रम: लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल कार्यक्रम के उप परियोजना निदेशक के रूप में मिशन-आधारित प्रौद्योगिकियों का विकास किया।

ब्रह्मोस एयरोस्पेस के बारे में :-

  • ब्रह्मोस एयरोस्पेस की स्थापना 1998 में भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में हुई थी।
  • इसका नाम दो नदियों पर आधारित है: भारतीय नदी ब्रह्मपुत्र और रूसी नदी ( मॉस्कवा )
  • कार्य: ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का विकास और उत्पादन।
  • महत्व: यह विश्व की सबसे तेज क्रूज मिसाइलों में से एक है, जिसकी गति मैक 2.8 से मैक 3 तक होती है।
  • अपनी गति , सटीकता और बहुमुखी प्रतिभा के लिए जानी जाने वाली यह मिसाइल भारतीय सेना , नौसेना और वायु सेना द्वारा प्रयोग की जाती है ।
  • मारक क्षमता :- 300 से 500 किलोमीटर (MTCR समझौते के अनुसार)।
  • लॉन्च प्लेटफॉर्म :-
    • भूमि (लैंड बेस्ड)।
    • जहाज (शिप बेस्ड)।
    • पनडुब्बी (सबमरीन लॉन्च)।
    • विमान (एयर लॉन्च)।

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