
जनता की कहानी – बंडारू दत्तात्रेय की आत्मकथा है, जिसका औपचारिक विमोचन भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया। इस आयोजन को एक महत्वपूर्ण साहित्यिक और राजनीतिक आयोजन के रूप में देखा गया, जिसमें एक वरिष्ठ राजनेता ने अपने जीवन के अनुभवों, संघर्षों और सेवा कार्यों को दर्ज किया है। केंद्र में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके वरिष्ठ राजनेता बंडारू दत्तात्रेय ने इस पुस्तक में अपनी राजनीतिक यात्रा, सामाजिक उत्थान के प्रयासों और जनसेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया है।
आत्मकथा का शीर्षक ‘जनता की कहानी’ बताता है कि यह केवल उनके व्यक्तिगत जीवन की कहानी नहीं है, बल्कि इसमें आम लोगों के साथ उनके जुड़ाव और अनुभवों का भी समावेश है। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने दत्तात्रेय के जीवन और योगदान की प्रशंसा की और युवाओं से उनसे प्रेरणा लेने का आग्रह किया। यह पुस्तक न केवल राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक लोक सेवक की भूमिका पर भी प्रकाश डालती है।
जनता की कहानी – पुस्तक का उद्देश्य और लक्ष्य :-
- आत्मकथात्मक प्रस्तुति :-
- अपने जीवन के अनुभवों, संघर्षों और उपलब्धियों को जनता के सामने लाना।
- राजनीतिक यात्रा का दस्तावेज़ :-
- एक कार्यकर्ता से केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल तक की यात्रा को प्रस्तुत करना।
- जनसेवा के मूल्यों को उजागर करना :-
- यह दिखाना कि कैसे एक राजनेता आम जनता की सेवा कर सकता है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।
- संघ और संगठन के योगदान का वर्णन :-
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी जैसे संगठनों की भूमिका और विचारधारा को समझाना।
- प्रेरणा प्रदान करना :-
- युवाओं और नई पीढ़ी को सार्वजनिक सेवा और राजनीति में ईमानदारी व निष्ठा के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देना।
- समाज के वंचित वर्गों की आवाज़ बनना :-
- दलित, पिछड़े और गरीब वर्गों के संघर्षों को सामने लाकर सामाजिक समानता का संदेश देना।
- राजनीति में नैतिकता और मूल्य आधारित कार्यशैली को बढ़ावा देना :-
- सत्ता के बजाय सेवा को प्राथमिकता देने वाले दृष्टिकोण को उजागर करना।
- भारत के सामाजिक-राजनीतिक परिवेश को प्रतिबिंबित करना :-
- समय-समय पर देश में आए सामाजिक एवं राजनीतिक परिवर्तनों का साक्षी बनना और उनका विश्लेषण प्रस्तुत करना।
- सच्चाई और पारदर्शिता का उदाहरण प्रस्तुत करना :-
- अपने जीवन में अपनाए गए आदर्शों और सिद्धांतों को खुलकर साझा करना।
बंडारू दत्तात्रेय :-
- पूरा नाम :- बंडारू दत्तात्रेय
- जन्म :- 26 फरवरी 1947
- जन्मस्थान :- हैदराबाद, तत्कालीन हैदराबाद राज्य (अब तेलंगाना)
- राजनीतिक दल :- भारतीय जनता पार्टी (BJP)
- वर्तमान पद :- हरियाणा के राज्यपाल (नियुक्ति: जुलाई 2021)
- इससे पहले हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं (2019–2021)
- लोकसभा सदस्य :-
- सिकंदराबाद लोकसभा क्षेत्र से चार बार सांसद (1991, 1998, 1999, 2014)
- उन्होंने तेलंगाना/आंध्र प्रदेश से बीजेपी का प्रतिनिधित्व किया।
- मंत्रिपद :-
- केंद्र सरकार में श्रम एवं रोजगार मंत्री (2014–2017)
- इसके अलावा उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी मंत्री पद संभाला।
- संघ से जुड़ाव :- वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े हुए हैं और वहीं से उनके सार्वजनिक जीवन की शुरुआत हुई।
- दलित समाज के प्रमुख नेता :- वे दलित समुदाय से आते हैं और समाज के पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए कार्यरत रहे हैं।
- सादा जीवन, उच्च विचार :- सादगी, ईमानदारी और पारदर्शिता उनके राजनीतिक जीवन की पहचान रही है।
- सामाजिक कार्यकर्ता :- शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में निरंतर कार्य करते रहे हैं।
- लेखन कार्य :- 2024 में उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘जनता की कहानी’ प्रकाशित की, जिसे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विमोचित किया।
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