
चेक क्लियरिंग में लगने वाले समय को कुछ घंटे करने और उससे जुड़े जोखिम को कम करने के उद्देश्य से कदम उठाने का फैसला भारतीय रिजर्व बैंक ने किया है। RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा, ‘चेक क्लियरिंग में सुधार, निपटान जोखिम को कम करने और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) की मौजूदा प्रक्रिया में बदलाव का प्रस्ताव है। इस नई प्रणाली में चेक जमा होने के कुछ घंटों के भीतर ही ‘क्लियर’ हो जाएगा। इसके लिए मौजूदा सीटीएस प्रणाली के तहत ‘बैच’ में प्रोसेसिंग के बजाय कारोबारी घंटों के दौरान निरंतर आधार पर निपटान की व्यवस्था की जाएगी। नई प्रणाली में चेक को स्कैन करके पेश किया जाएगा, जिससे उसका निपटान कुछ घंटों में ही हो जाएगा।
वर्तमान में चेक समाशोधन चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) के माध्यम से किया जाता है, जो बैच प्रोसेसिंग मोड में संचालित होता है और इसका समाशोधन चक्र दो कार्य दिवसों तक का होता है। समाशोधन चक्र को कम करने के लिए, RBI ने CTS में ‘ऑन-रियलाइज़ेशन-सेटलमेंट’ के साथ निरंतर समाशोधन शुरू करने का प्रस्ताव दिया है।
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