
चीन ने अंटार्कटिका में अपना पहला वायुमंडलीय निगरानी केंद्र खोला है। यह केंद्र झोंगशान नेशनल एटमॉस्फेरिक बैकग्राउंड स्टेशन के नाम से जाना जाता है और अंटार्कटिका के लार्समन हिल्स क्षेत्र में स्थित है। यह केंद्र अंतर्राष्ट्रीय जलवायु अनुसंधान के लिए डेटा उपलब्ध कराएगा। इससे ध्रुवीय क्षेत्रों में मानवीय गतिविधियों के प्रभाव को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझने में मदद मिलेगी। इस केंद्र से प्राप्त आंकड़ों का उपयोग विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और ध्रुवीय जलवायु पर रिपोर्ट बनाने में किया जाएगा। यह जलवायु मॉडलिंग और पर्यावरण नीति निर्माण में योगदान देगा। इस परियोजना की शुरुआत 2007-2008 के अंतर्राष्ट्रीय ध्रुवीय वर्ष (International Polar Year) के दौरान हुई थी।
ध्रुवीय अनुसंधान में एक रणनीतिक कदम :-
झोंगशान स्टेशन को रणनीतिक रूप से अद्वितीय भौगोलिक और वैज्ञानिक महत्व वाले क्षेत्र में रखा गया है। यह वायुमंडलीय सांद्रता परिवर्तनों की निगरानी करेगा, जिससे वैश्विक जलवायु परिवर्तनों को समझने में मदद मिलेगी, विशेष रूप से ध्रुवीय क्षेत्रों में, जो जलवायु परिवर्तन के महत्वपूर्ण प्रवर्धक हैं। नया स्टेशन अंटार्कटिका में चीन के छह अनुसंधान स्टेशनों के नेटवर्क में शामिल हो गया है, जिनमें से पहला 1985 में बनाया गया था। यह इस साल की शुरुआत में चीन के रॉस सागर वैज्ञानिक अनुसंधान स्टेशन के उद्घाटन के बाद भी है।
स्थापना का उद्देश्य :-
- वायुमंडलीय संरचना (ग्रीनहाउस गैस, ओजोन आदि) की निगरानी।
- जलवायु परिवर्तन पर दीर्घकालिक डेटा उपलब्ध कराना।
- वैश्विक पर्यावरणीय और जलवायु नीतियों के लिए सटीक जानकारी प्रदान करना।
तकनीकी विशेषताएं :-
- उच्च सटीकता वाली ग्रीनहाउस गैस निगरानी प्रणाली।
- ओजोन स्पेक्ट्रोमीटर, एरोसोल मॉनिटर और विकिरण मापने वाले उपकरण।
- अंटार्कटिका के वायुमंडल की दीर्घकालिक और टिकाऊ निगरानी सुनिश्चित करने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग।
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