विश्व मृदा दिवस हर साल 05 दिसंबर को मनाया जाता है।

विश्व मृदा दिवस हर साल 05 दिसंबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य मिट्टी के महत्व को उजागर करना है। मिट्टी की खराब स्थिति के कारण मिट्टी का कटाव तेजी से हो रहा है, जो दुनिया भर में एक गंभीर पर्यावरणीय मुद्दा बनता जा रहा है। इसका उद्देश्य लोगों का ध्यान मृदा संरक्षण और टिकाऊ प्रबंधन की ओर आकर्षित करना है। मिट्टी के कटाव के बारे में जागरूकता पैदा करना, जो एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है, जिसे मिट्टी की स्थिति में गिरावट के रूप में जाना जाता है। विश्व मृदा दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) द्वारा की गई थी। इसे आधिकारिक तौर पर 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मान्यता दी गई थी। पहला विश्व मृदा दिवस 05 दिसंबर 2014 को मनाया गया था। यह दिन थाईलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज के सम्मान में चुना गया, जिन्होंने मृदा संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

विश्व मृदा दिवस का इतिहास :-

मिट्टी को लेकर जश्न मनाने की शुरुआत वैश्विक स्तर पर दिसंबर 2013 में हुई थी। जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 68वीं महासभा की बैठक के दौरान 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाने का फैसला किया था। इसके लिए एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था। हालांकि, इस दिवस को मनाने की सिफारिश साल 2002 में ही शुरू हो गई थी। जब अंतरराष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ ने पहली बार 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाने की सिफारिश की थी। बाद में सर्वसम्मति से आधिकारिक तौर पर 2013 में इस दिवस को मनाने की घोषणा की गई। एक साल बाद 5 दिसंबर 2014 को पूरी दुनिया में पहली बार मृदा दिवस मनाया गया।

उद्देश्य :-

  • मृदा क्षरण और कटाव रोकना।
  • मृदा स्वास्थ्य के महत्व को समझाना।
  • टिकाऊ कृषि के लिए स्वस्थ मृदा को बढ़ावा देना।
  • जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना।

मृदा क्षरण के कारण:-

  • अत्यधिक खेती।
  • वनक्षेत्रों की कटाई।
  • रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग।
  • जलवायु परिवर्तन।

अंतर्राष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ:-

  • International Union of Soil Sciences Headquarters :-  Vienna, Austria;
  • International Union of Soil Sciences Founded :-  1924
  • President of International Union of Soil Sciences :- Laura Bertha Reyes Sanchez (Mexico).

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